धरती पर इससे भी ज्यादा खतरा मंडरा रहा है और वो है सौर तूफान. जिसे लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह किसी भी समय पृथ्वी से टकरा सकता है। 16 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है. यह सौर तूफान सूरत की सतह पर बना एक शक्तिशाली भंवर है. जिसका पृथ्वी पर भारी असर पड़ सकता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, सूर्य की सतह से उठने वाला यह तूफान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में गर्म हवा और सौर कणों की मार होगी।इस वजह से इसमें अत्यधिक गर्मी और चुंबकीय स्थिति के कारण नुकसान की आशंका है। पृथ्वी का क्षेत्रफल.
विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह का सौर तूफान हर 10 साल में आता है, जो कोई नई बात नहीं है। यह तैरते हुए डायनासोर के समय से आता है। लेकिन वर्तमान युग तकनीक का युग है, हम पूरी तरह से सैटेलाइट, जीपीएस, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, सेलफोन पर निर्भर हैं। जिससे यह मानव जाति को और अधिक परेशान कर सकता है, सैटेलाइट को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इंटरनेट, मोबाइल आदि पर असर पड़ सकता है। बिजली भी बाधित हो सकती है, क्योंकि सौर तूफान बिजली ग्रिड को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सौर तूफान उन देशों में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे जहां उस समय दिन का समय होगा। यानी तूफान के दिन धरती का जो हिस्सा सूरज के करीब होगा उसका असर धरती के देशों पर ज्यादा पड़ेगा।