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Ganesh Chaturthi 2025: पूजा के दौरान इन 7 गलतियों से बचें, तभी मिलेगा पूरा फल

Ganesh Chaturthi 2025 पर पूजा करते समय इन 7 गलतियों से जरूर बचें।

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Ganesh Chaturthi भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर घर में सुख, समृद्धि और बुद्धि का वास होता है।

Ganesh Chaturthi 2025 इस साल 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी। जानिए पूजा के दौरान किन 7 गलतियों से बचना चाहिए ताकि भगवान गणेश की कृपा और पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

गणेश चतुर्थी 2025 का महत्व और तिथि

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश का जन्मोत्सव है, जो पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व बुधवार, 27 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।

चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025, दोपहर 1:54 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025, दोपहर 3:44 बजे

मूर्ति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त: 11:05 AM से 1:40 PM (मध्याह्न काल)

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर घर में सुख, समृद्धि और बुद्धि का वास होता है। लेकिन यदि पूजा के समय कुछ गलतियां हो जाएं, तो पूजा का फल अधूरा रह सकता है।

लेकिन अगर पूजा के दौरान कुछ छोटी-छोटी गलतियां हो जाएं तो पूजा का फल अधूरा रह जाता है। शास्त्रों और वास्तु शास्त्र में गणपति पूजा से जुड़े कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है।

Ganesh Chaturthi पर इन 7 गलतियों से बचें

1. मूर्ति की गलत दिशा में स्थापना

गणेश जी की मूर्ति हमेशा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में ही स्थापित करनी चाहिए। दक्षिण दिशा में मूर्ति रखना अशुभ माना जाता है। सही दिशा में मूर्ति रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

2. टूटी या खंडित मूर्ति की पूजा

गणेश चतुर्थी पर टूटी या खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसी मूर्तियां नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और शुभ फल नहीं देतीं। हमेशा सुंदर, पूर्ण और अच्छी गुणवत्ता वाली मूर्ति का ही चयन करें।

3. गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन से बचें

पौराणिक कथा के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित है। ऐसा करने से मिथ्या दोष लगता है और व्यक्ति पर झूठे आरोप लग सकते हैं। यदि गलती से चंद्र दर्शन हो जाए तो तुरंत ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जप करें।

4. गलत प्रसाद का भोग

गणेश जी को तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, लहसुन और प्याज युक्त भोजन का भोग न लगाएं। गणपति को मोदक, लड्डू, गुड़ और फल अत्यंत प्रिय हैं। साथ ही तुलसी पत्र का प्रयोग भी गणपति पूजा में वर्जित है। सात्विक प्रसाद अर्पित करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।

5. शयनकक्ष में मूर्ति रखने से बचें

गणेश जी की मूर्ति को कभी भी शयनकक्ष में स्थापित न करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह अशुभ फल देता है और परिवार में अशांति पैदा कर सकता है। गणेश प्रतिमा को पूजा घर, ड्रॉइंग रूम या मुख्य द्वार के पास स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है।

6. गलत समय पर पूजा न करें

Ganesh Chaturthi पर मूर्ति स्थापना और पूजा हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए। सुबह का समय सबसे उत्तम माना जाता है। पंचांग के अनुसार मुहूर्त देखकर ही पूजा करें। रात में स्थापना या पूजा करना अशुभ फलदायी हो सकता है।

7. मूर्ति का सम्मानपूर्वक विसर्जन करें

गणेश चतुर्थी के बाद मूर्ति विसर्जन हमेशा सम्मानपूर्वक करें। मूर्ति को कभी भी गंदे पानी या कूड़ेदान में न फेंकें। इसे नदी, तालाब या समुद्र में प्रवाहित करें या फिर मंदिर में स्थापित कर दें। विसर्जन के समय ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप अवश्य करें।

गणेश चतुर्थी 2025: शुभ मुहूर्त

  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025, दोपहर 1:54 बजे
  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025, दोपहर 3:44 बजे
  • मूर्ति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त: 11:05 AM से 1:40 PM (मध्याह्न काल)

(📌 नोट: मुहूर्त स्थान के अनुसार बदल सकता है, इसलिए स्थानीय पंचांग जरूर देखें।)

FAQs: गणेश चतुर्थी पूजा से जुड़े सवाल

Q1. गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा क्यों नहीं देखना चाहिए?
👉 मान्यता है कि चंद्र दर्शन से मिथ्या दोष लगता है और व्यक्ति पर झूठे आरोप लग सकते हैं।

Q2. गणेश जी को कौन सा प्रसाद सबसे प्रिय है?
👉 गणेश जी को मोदक, लड्डू, गुड़ और फल सबसे प्रिय हैं।

Q3. गणेश प्रतिमा कहां स्थापित करनी चाहिए?
👉 प्रतिमा को उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखें। शयनकक्ष में मूर्ति स्थापना से बचें।

Q4. गणेश चतुर्थी पर पूजा का सही समय कब है?
👉 सुबह का समय सबसे शुभ माना जाता है। पंचांग देखकर मुहूर्त का चयन करें।

Q5. विसर्जन कैसे करना चाहिए?
👉 विसर्जन सम्मानपूर्वक करें। मूर्ति को नदी, समुद्र या तालाब में प्रवाहित करें और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें।

निष्कर्ष

गणेश चतुर्थी का पर्व न केवल श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने का अवसर भी है। यदि आप पूजा के दौरान इन 7 गलतियों से बचते हैं तो निश्चित ही भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त करेंगे और आपके सभी कार्य सफल होंगे।


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