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हिंडनबर्ग रिपोर्ट में ऐसा क्या है जिसने अडानी को हिलाकर रख दिया!

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हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को काफी झटका लगा है। हालाँकि, अडानी के लिए चीजें धीरे-धीरे बदल रही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि एक के बाद एक दिग्गज अडानी के समर्थन में आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर हिंडनबर्ग के कुछ चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं। तो सवाल यह है कि क्या हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक सुनियोजित साजिश नहीं है?

अडानी ग्रुप के लिए बड़ा कदम

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ने एक के बाद एक सवालों के जवाब देना शुरू कर दिया है. अडानी समूह ने घोषणा की है कि वह परिपक्वता तिथि से पहले निवेशकों को अपने गिरवी रखे गए 111.17 करोड़ डॉलर के शेयर वापस कर देगा। इस स्टॉक की मैच्योरिटी डेट सितंबर, 2024 थी. लेकिन इतनी एडवांस में पैसे लौटाने का ऐलान अडानी ग्रुप का बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है.

अडानी ग्रुप को चोमर का समर्थन

जिस हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर शॉर्ट सेलिंग कर मुनाफा कमाने की साजिश का आरोप है, वह अब संदेह के घेरे में आ रही है। इस रिपोर्ट के प्रकाशन और इसकी टाइमिंग को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.. अडानी के खिलाफ ये रिपोर्ट भारत के खिलाफ एक सुनियोजित हमला है. ये कहना है पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे का, उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बकवास बताया है. रिपोर्ट के बाद भारत के शेयर बाजार विशेषज्ञों ने हिंडनबर्ग और उनकी कंपनी का काला सूट लोगों के सामने रख दिया है.. जब अमेरिका में हिंडनबर्ग के खिलाफ जांच चल रही है और कहा जा रहा है कि इस पर पर्दा डाल दिया गया है तो कई जाने देश-विदेश की मशहूर हस्तियां और संगठन अडानी समूह के समर्थन में आ रहे हैं. पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी अडानी का समर्थन करते हुए कहा कि यह गोरों की साजिश है, जिन्हें भारत की प्रगति नहीं दिखती. बैंक ऑफ बड़ौदा ने आज कहा कि वह अडानी को लोन देने के लिए तैयार है, वहीं गोल्डनमैन शास ने भी अडानी मुद्दे पर राहत भरा बयान दिया है. गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि अडानी की कर्ज की स्थिति संतोषजनक है..सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अब अडानी समूह का हिस्सा है। उन्होंने अपने मुखपत्र में लिखा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक वामपंथी साजिश है. इस संबंध में बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा भी अडानी के समर्थन में आ गए हैं. तो वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्द्धन त्रिपाठी ने भी साजिश की आशंका जताई है.

सवालों के घेरे में हिंडनबर्ग!

रिपोर्ट सामने आने के बाद अहम बात पर नजर डालें तो.. GFX IN ने 24 जनवरी को 106 पन्नों की रिपोर्ट छापी जिसमें अडानी ग्रुप पर आरोप लगाए गए.. 27 जनवरी को अडानी एंटरप्राइजेज 20,000 करोड़ का FPO लेकर आई. पहले दिन सिर्फ 1 फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला.. ऑफर का प्राइस बैंड 3112 रुपये से 3276 रुपये प्रति शेयर था. बाद में 29 जनवरी को अडानी एंटरप्राइजेज का FPO पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया. उसी दिन अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को झूठा बताकर खारिज कर दिया.. और 413 पन्नों का जवाब दाखिल कर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया.. 1 फरवरी अडानी ग्रुप ने 20,000 करोड़ के पूर्ण सब्सक्राइब्ड FPO को रद्द कर दिया और निवेशकों का पैसा लौटा दिया.. 2 फरवरी गौतम अडानी ने एफपीओ रद्द करने के बाद संदेश में उनके खिलाफ साजिश का आरोप लगाया था. 3 फरवरी को वकील एमएल शर्मा ने हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन और उनके सहयोगियों के खिलाफ निवेशकों का शोषण और धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज की थी.

सवालों के घेरे में हिंडनबर्ग!

शेयरों में भारी गिरावट के बाद गौतम अडानी की कुल संपत्ति 90 अरब हो गई है। पिछले साल यह 150 अरब के करीब था.. फोर्ब्स की दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में अडानी 21वें स्थान पर हैं। पिछले शुक्रवार को वह 22वें स्थान पर पहुंच गए.. 27 फरवरी से पहले अडानी दुनिया के तीसरे और एशिया के पहले सबसे अमीर थे.. लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर पांच आरोप लगाए गए.. मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंट के अलावा हेराफेरी की गई धोखाधड़ी: 8 साल के दौरान बदले गए 5 सीएफओ.. ग्रुप की 7 कंपनियों के शेयर की कीमत 85 फीसदी बढ़ी आरोप है कि अडानी ग्रुप पर 2.20 लाख करोड़ का कर्ज कंपनी की वैल्यू से ज्यादा है. पांचवां आरोप ये है कि अडानी ग्रुप ने मॉरीशस और दूसरे देशों में पैसे भेजकर अपने ही शेयर खरीदे.

सवालों के घेरे में हिंडनबर्ग!

अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयर लगातार गिर रहे हैं.. आज भी बाजार खुलते ही अडानी के शेयर 5 फीसदी तक गिर गए.. रिपोर्ट के बाद 12 दिनों के दौरान अडानी ग्रुप के शेयर 60 फीसदी तक गिर गए हैं. होने की बात पर अब जांच की मांग भी उठने लगी है.


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