Gujarat Weather Highlights:
- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में भारी वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की
- राज्य में वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्य जोरों पर, 23,871 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित एवं 1,696 लोगों को रेस्क्यू किया गया
- प्रभावित क्षेत्रों में सेना की 6 टुकड़ियाँ, एनडीआरएफ की 14 तथा एसडीआरएफ की 22 टीमें भी राहत एवं बचाव कार्यों में जुटीं
• पंचमहाल में सर्वाधिक लोगों का स्थानांतरण, वडोदरा-जामनगर में रेस्क्यू के लिए वायुसेना की मदद ली गई
• मुख्यमंत्री ने एसईओसी में जिला कलेक्टरों-मनपा आयुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की
• मुख्यमंत्री ने जिला व मनपा प्रशासकों को जीरो कैजुअलिटी के अप्रोच के साथ आपदा से निपटने का मार्गदर्शन दिया
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने समग्र राज्य में भारी वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति में प्रशासन द्वारा किए जा रहे कामकाज तथा राहत-बचाव के कदमों की समीक्षा के लिए मंगलवार को गांधीनगर स्थित स्टेट इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) से वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
पटेल ने जिला कलेक्टरों तथा महानगर पालिका आयुक्तों से उनके द्वारा त्वरित कार्यवाही कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किए जाने, रेस्क्यू, जीवन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की उपलब्धि की व्यवस्था तथा राहत रसोई व्यवस्था आदि किए जाने का गहन विवरण प्राप्त किया।
एसईओसी में इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य के अपर मुख्य सचिव पंकज जोशी, एम. के. दास तथा राजस्व, ऊर्जा, स्वास्थ्य, जलापूर्ति, सड़क एवं भवन आदि संबंधित विभागों के वरिष्ठ भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई इस समीक्षा बैठक में बताया गया कि समग्र राज्य में 27 अगस्त मंगलवार सुबह 10 बजे तक मौसम की कुल 99.66 प्रतिशत वर्षा हुई। इसमे कच्छ अंचल में औसत 116.79 प्रतिशत, उत्तर गुजरात अंचल में 79.99 प्रतिशत, सौराष्ट्र में 101.52 प्रतिशत, दक्षिण गुजरात में 108.20 प्रतिशत तथा मध्य गुजरात में 98.74 प्रतिशत वर्षा दर्ज हुई है।
इससे पूर्व; पिछले 24 घण्टों में राज्य के 33 जिलों में 251 तहसीलों में वर्षा हुई है, जिसमें सर्वाधिक 347 मिलीमीटर वर्षा मोरबी जिले की टंकारा तहसील में हुई। पिछले 24 घण्टों में औसत 94.20 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है।
मंगलवार सुबह 6 से 10 बजे तक राजकोट तहसील में सर्वाधिक 142 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भारी वर्षा के फलस्वरूप राज्य में 15 नदियों, 21 तालाबों व जलाशयों के ओवरफ्लो होने की स्थिति की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी व्यक्ति ऐसे नदी, नाले, तालाब में न जाए; इसे लेकर पूरी सतर्कता व सावधानी बरतना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि लोग ओवरफ्लो हुई नदियों के बहाव या नालों में न जाएँ; इसके लिए पुलिस की सहायता से सख्ती से काम लिया जाए।
राज्य के जलाशयों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 206 जलाशयों में उनकी जल संग्रहण क्षमता का 72.33 प्रतिशत पानी की आवक हुई है, 76 जलाशय 100 प्रतिशत भर गए हैं और 96 जलाशयों हाई अलर्ट व 19 जलाशयों को अलर्ट पर रखा गया है।
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार को इस आसमानी आपदा के दौरान राहत-बचाव कार्य आदि में सहायता के लिए सेना की 6 टुकड़ियाँ आवंटित की गई हैं। इसके अतिरिक्त; राष्ट्रीय आपदा बचाव दल (एनडीआरएफ) की 14 एवं राज्य आपदा बचाव दल (एसडीआरएफ) की 22 टीमें भी आपदा प्रबंधन में मदद कर रही हैं।
सेना की 6 टुकड़ियों को देवभूमि द्वारका, आणंद, वडोदरा, खेडा, मोरबी तथा राजकोट जिलों में राहत व बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है। इतना ही नहीं; नौसेना तथा तटरक्षक बल भी राहत-बचाव कार्य में जुड़ गए हैं।
पंचमहाल जिले में सर्वाधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है, तो वडोदरा तथा जामनगर में वायुसेना की सहायता से रेस्क्यू कार्य किया गया है।
बैठक में बताया गया कि अब तक 23,871 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है तथा 1,696 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
राज्य में भारी वर्षा की चेतावनी व संभावना अभी भी बनी हुई है। ऐसे में भूपेंद्र पटेल ने नागरिकों से इन परिस्थितियों में सावधानी एवं सुरक्षा बनाए रखने का अनुरोध किया।
उन्होंने लोगों से अपील की कि अत्यंत आवश्यक न हो, तो घर से बाहर निकलना टालें और घर में ही रहें।
उन्होंने लोगों से कहा कि आपदा प्रबंधन प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें तथा सुरक्षित स्थानों पर जाने की जरूरत के समय जिला प्रशासन का सहयोग करना जान-माल की सुरक्षा और हमारे ही हित में है।
राज्य में भारी वर्षा के बीच दीवार गिर जाने, पानी में डूब जाने तथा पेड़ गिरने की दुर्घटनाओं में 7 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री ने इन मामलों में नियमानुसार सहायता भुगतान की कार्यवाही तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के कैशडोल्स, घरेलू उपभोग के सामान की सहायता आदि नियमानुसार देय सहायता वितरण की कार्यवाही भी तत्काल शुरू करने का मार्गदर्शन दिए।
मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की जो चेतावनी दी है, उसके कड़े पालन के लिए मुख्यमंत्री ने तटवर्ती जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि 30 अगस्त तक कोई मछुआरा भाई समुद्र में न जाए।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भारी वर्षा के कारण गाँवों-नगरों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने का भी विवरण प्राप्त किया। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्षा के कारण कुल 8,824 गाँवों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई थी, जिनमें से 7,806 गाँवों में विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई है। वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुए 6,615 बिजली के खंभों में से 6,033 की मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री ने सड़क एवं भवन विभाग को वर्षा के कारण राज्य में पेड़ गिरने, सड़कें टूटने आदि के कारण बंद हुए 806 सड़क मार्गों पर वर्षा के रुकते ही युद्ध स्तर पर कार्यवाही कर वहाँ यातायात-परिवहन सुचारु करने का निर्देश दिया।
उन्होंने वर्षा जल भराव के चलते संभावित महामारी फैलने से रोकने के लिए वर्षा जल की निकासी की व्यवस्था, पानी का क्लोरीनेशनल तथा मच्छर उपद्रव नियंत्रण के लिए दवाई छिड़काव और अन्य स्वास्थ्य संबंधी मामलों में भी जिला प्रशासनों को सज्ज रहने का मार्गदर्शन दिया।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए जिलों की आवश्यकता के अनुसार दवाइयाँ आदि उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को जिला प्रशासन के साथ समन्वय में रहने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जिला व शहरी प्रशासन को प्रशासन द्वारा मौजूदा स्थिति में किए जा रहे त्वरित कार्यवाही की सराहना की और समग्र प्रशासन को अलर्ट मोड पर रह कर जीरो कैजुअलिटी अप्रोच के साथ वर्षा के कारण आई इस आपदा से निपटने का मार्गदर्शन दिया।
मुख्य सचिव राज कुमार ने जिला कलेक्टरों व मनपा आयुक्तों को मौसम विभाग की ओर से समय-समय पर दी जा रही चेतावनियों के प्रति सतर्क रह कर अपने जिलों-शहरों में स्थिति से निपटने के लिए अग्रिम आयोजन करने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि अभी भी आगामी दो-तीन दिनों तक राज्य पर भारी वर्षा का संकट मंडर रहा है, तब सभी अधिकारी अपने जिला प्रशासन की टीमों के साथ सज्ज रहें; यह आवश्यक है।
इस बैठक में वायुसेना, नौसेना, तटरक्षक बल तथा सेना के अधिकारी भी उपस्थित रहे।