पाकिस्तान में सियासी घमासान मचा हुआ है, इमरान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है. इमरान खान ने विपक्ष को संसद भंग करने का प्रस्ताव भी दिया लेकिन विपक्ष ने इसे खारिज कर दिया और बिलावल ने कहा कि इमरान खान के खिलाफ कोई रास्ता नहीं है इसलिए उन्हें सम्मानपूर्वक पद छोड़ देना चाहिए.
प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित किया और इसमें उन्होंने कई मुद्दों, भारत के साथ संबंध, कश्मीर मुद्दा, अमेरिका, रूस और अन्य मुद्दों पर चर्चा की और पाकिस्तान के समाधान का फैसला करने का संकेत दिया।
इमरान खान ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि पाकिस्तान के लिए फैसले की घड़ी आ गई है. अमेरिका के बारे में खुलकर बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि अमेरिका का हिमायती होना मुशर्रफ का बड़ा फूल था, इमरान ने कहा कि मैं आजादविदेश नीति का समर्थक हूं, मैं भारत या किसी भी देश के खिलाफ नहीं हूं. इमरान ने अपने संबोधन में एक बार फिर कश्मीर राग अलापा. और कहा कि मैंने कश्मीर के बारे में तभी बात की थी जब भारत ने कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया था.
इमरान खान ने अपने रूस दौरे को लेकर कहा कि अमेरिका उनके रूस दौरे से नाराज है, इतना ही नहीं इमरान ने अमेरिका से रिश्ते तोड़ने की धमकी भी दी. हालांकि, ये तो 3 अप्रैल को ही पता चलेगा कि इमरान की ये सूफियाना बातें उनकी सरकार बचाने में कितनी मददगार हैं.