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क्या पति को अपनी पत्नी के पैर दबाने चाहिए?

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पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास, सम्मान और प्रेम की बुनियाद पर टिका होता है। इस रिश्ते में कई छोटी-बड़ी बातें होती हैं, जो इसे मजबूत बनाती हैं। इन्हीं में से एक सवाल अक्सर मन में आता है: क्या पति को अपनी पत्नी के पैर दबाने चाहिए?

यह सवाल जितना साधारण है, इसके जवाब उतने ही गहरे हैं। इसका सीधा संबंध ज्योतिष और हमारी पौराणिक कथाओं से है, जो इस विषय पर अलग-अलग राय रखती हैं।

ज्योतिष और पति-पत्नी का रिश्ता

ज्योतिष के अनुसार, पति-पत्नी का रिश्ता ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। कुंडली में शुक्र और बृहस्पति की मजबूत स्थिति आपसी प्रेम और सम्मान को बढ़ाती है।

  • शुक्र: यह ग्रह प्रेम, सौंदर्य और सुख-सुविधाओं का कारक है। यदि यह ग्रह मजबूत स्थिति में हो, तो पति-पत्नी का रिश्ता बहुत गहरा होता है, जिसमें एक-दूसरे का ख्याल रखना स्वाभाविक होता है।
  • बृहस्पति: यह ग्रह ज्ञान, सम्मान और वैवाहिक सुख का कारक है। यदि यह मजबूत हो, तो पति-पत्नी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।

  • ज्योतिष में पति द्वारा पत्नी के पैर दबाने का कोई सीधा नियम नहीं है। हालांकि, इसे आपसी प्रेम और सम्मान का प्रतीक माना जा सकता है। यह दर्शाता है कि पति अपनी पत्नी के प्रति कितना समर्पित है।

  • पौराणिक कथाएं और पति-पत्नी के कर्तव्य

  • पौराणिक कथाओं में पति-पत्नी के रिश्ते को एक-दूसरे का पूरक माना गया है। अर्धांगिनी का अर्थ ही है- जीवन का आधा हिस्सा।
  • राम और सीता: राम और सीता के रिश्ते में मर्यादा, त्याग और सम्मान को सबसे ऊपर रखा गया है।
  • शिव और पार्वती: शिव-पार्वती के रिश्ते में प्रेम, समर्पण और समानता का भाव है।

  • पौराणिक कथाओं में पत्नी द्वारा पति के पैर दबाने को सेवा और सम्मान का प्रतीक माना गया है। लेकिन, कुछ कथाओं में इसका उल्टा भी देखने को मिलता है। जैसे- माता सीता अपने पति राम के हर दुख-सुख में साथी थीं।

  • निष्कर्ष
    ज्योतिष और पौराणिक कथाओं के अनुसार, पत्नी का पति के पैर दबाना एक परंपरा मानी जाती है, लेकिन यह कोई कठोर नियम नहीं है। यह दोनों के आपसी प्रेम और सम्मान पर निर्भर करता है।

  • वहीं, पति द्वारा पत्नी के पैर दबाना भी उतना ही उचित है। यह दिखाता है कि पति अपनी पत्नी की थकान और तकलीफ को समझता है। यह कार्य दर्शाता है कि दोनों एक-दूसरे की देखभाल करते हैं।

  • इसलिए, इस विषय में किसी नियम का पालन करने के बजाय आपसी समझ और प्रेम को महत्व देना चाहिए। अगर दोनों पार्टनर एक-दूसरे की देखभाल करते हैं, तो यही उनके रिश्ते की सबसे बड़ी खूबसूरती है।

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