Kunwar Natwar Singh : राजनयिक से राजनेता बने कुंवर नटवर सिंह जिन्होनें 2004-05 के दौरान विदेश मंत्री का कार्यभार संभाला था , आज आज सवेरे उनका निधन हो गया. वे पिछले एक पखवाड़े से अस्पताल में भर्ती थे और आज 95 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
Kunwar Natwar Singh की प्रारम्भिक यात्रा और करियर:
नटवर सिंह का जन्म भरतपुर रियासत में हुआ था और 1984 में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) छोड़ने के बाद वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए, यही नहीं उन्हें 1984 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित भी किया गया था।
विदेश मंत्री के पदभार के समय ‘इराकी तेल के बदले अनाज’ घोटाले में नटवर सिंह को पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अगर बात करें नटवर सिंह की तो इन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता था. पर 2008 में नटवर सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया था।
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इंदिरा गाँधी के थे अजीज:
अगर बात करें नटवर सिंह की तो उन्होंने पाकिस्तान में राजदूत के तौर पर भी कार्य किया था. वर्ष 1966 से 1971 के बीच नटवर सिंह ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय में भी काम किया था।
Kunwar Natwar Singh की आत्मकथा बनी चर्चा का विषय:
नटवर सिंह ने अपनी आत्मकथा ‘वन लाइफ इज़ नॉट इनफ’ तो लिखी ही थी पर साथ ही उन्होंने कई और किताबें भी लिखीं. इस किताब ने लॉन्च होते ही राजनितिक गलियारों में हलचल मचा दी थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य राजनेताओं ने भी दी श्रद्धांजलि:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस के जयराम रमेश ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये सिंह को श्रद्धांजलि दी, यही नहीं सभी ने उन्हें पोस्ट में प्रतिष्ठित राजनयिक बताया और विदेश नीति में उनके योगदान की प्रशंसा की। सभी ने पोस्ट कर इस दुःख की घड़ी में अपनी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ दी।