Makar Sakranti : हिंदू धर्म व मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति का मुख्य त्योहार है। भारत के कई क्षेत्रों में स्थानीय मान्यताओं के अनुसार जब सूर्य शीतकालीन संक्रांति के दौरान मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्राति का त्यौहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति की गणना सौर कैलेंडर के आधार पर की जाती है, और यह ऋतुओं के परिवर्तन का प्रतीक है, इस दौरान दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं।
2024 में मकर संक्रांति दो दिन मनाई जाएगी, जी हाँ इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी तथा 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दौरान सूर्य दूसरी राशि से एक नई राशि में प्रवेश करता है, तो इसे ज्योतिष में “संक्रांति” कहा जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है।
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2024 में मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त:
मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त: सुबह 07:15 से शाम 05:46 तक
मकर संक्रांति महा पुण्य काल मुहूर्त: प्रातः 07:15 से प्रातः 09:00 तक
जानिए क्या है मकर संक्राति की पौराणिक मान्यता:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। शनि मकर राशि का स्वामी है, और यह त्योहार पिता-पुत्र के पुनर्मिलन का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है की भगवान विष्णु ने मकर संक्रांति पर पृथ्वी पर राक्षसों का सिर काट दिया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था। यह दिन जलाशयों में पवित्र स्नान करने के लिए शुभ माना जाता है. भारत के कई हिस्सों में, इस मौसम का मतलब कृषि चक्र का प्रारंभिक चरण है, इस दौरान फसलें बोई जा चुकी होती है।
इस दौरान जरुर करें यह काम :
मकर संक्रांति पर गुड़, अनाज, कपड़े, काले तिल और खिचड़ी जैसी वस्तुओं का दान किया जाता है, इससे जीवन में समृद्धि और शांति आती है। माना जाता है कि काले तिल और गंगा जल मिश्रित पानी में डुबकी लगाने से कुंडली से ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।