काठमांडू: Nepal में राजतंत्र की बहाली को लेकर प्रदर्शन उग्र हो गए हैं। राजधानी काठमांडू और अन्य प्रमुख शहरों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए, जिससे हिंसा भड़क उठी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ प्रदर्शनकारियों ने कई घरों और वाहनों में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस को हालात काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
क्या है मामला?
Nepal में एक धड़ा लंबे समय से राजशाही की वापसी की मांग कर रहा है। 2008 में नेपाल को औपचारिक रूप से गणतंत्र घोषित किया गया था, लेकिन पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के समर्थकों का दावा है कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था विफल रही है और भ्रष्टाचार बढ़ गया है। इसी वजह से देशभर में राजशाही समर्थक विरोध प्रदर्शन तेज हो रहे हैं।
हिंसा के कारण बिगड़े हालात
प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी भवनों पर हमला किया और कुछ निजी संपत्तियों में भी आगजनी की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए बल प्रयोग किया, जिसमें आंसू गैस और लाठीचार्ज शामिल रहा। इस झड़प में कई लोग घायल हुए हैं, जबकि कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
सरकार का रुख
नेपाल सरकार ने हिंसा की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने कहा कि लोकतंत्र को कमजोर करने वाले किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि Nepal में राजशाही की वापसी फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन बढ़ते असंतोष को नजरअंदाज करना भी मुश्किल है। अगर सरकार जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो विरोध प्रदर्शन और अधिक उग्र हो सकते हैं।
नेपाल में राजतंत्र की वापसी को लेकर उग्र प्रदर्शन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। हालात बिगड़ते जा रहे हैं और हिंसा का स्तर बढ़ रहा है। अब यह देखना होगा कि नेपाल सरकार इस संकट से कैसे निपटती है और क्या जनता की मांगों पर कोई ठोस कदम उठाया जाता है।