देशके किसानो के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 20वीं किस्त जारी की, जिसके तहत ₹2000 की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer – DBT) के माध्यम से 9 करोड़ से अधिक पात्र किसानों के बैंक खातों में भेजी गई।
गुजरात के 52.16 लाख किसानों को 1,118 करोड़ की सहायता
गांधीनगर, 02 अगस्त 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के काशी से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त राष्ट्र को समर्पित की। इस अवसर पर गुजरात के 52.16 लाख से अधिक किसान परिवारों को 1,118 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गई।
राज्य स्तरीय ‘पीएम किसान उत्सव दिवस’ समारोह गांधीनगर में आयोजित हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की प्रेरक उपस्थिति रही। इस समारोह का सीधा प्रसारण राज्य के 3 लाख से अधिक किसानों ने विभिन्न स्थलों पर देखा।
प्रधानमंत्री की नीतियों से किसान लाभान्वित: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री ने देश और विश्व को दिखाया है कि जनसेवा और सच्ची नीयत से किसानों के लिए कितने प्रभावी और तेज़ कार्य किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पीएम किसान योजना विश्व की सबसे बड़ी DBT योजना बन चुकी है।
उन्होंने यह भी कहा कि योजना की न्यायी और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण छोटे और सीमांत किसानों तक इसका 100% लाभ पहुँच रहा है। इससे किसानों का सरकार पर विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है।
देशभर में किसानों को मिला 20,500 करोड़ रुपए का लाभ
भूपेंद्र पटेल ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक 3.69 लाख करोड़ रुपए 19 किस्तों में देशभर के किसानों को दिए जा चुके हैं। 20वीं किस्त में देश के 9.70 करोड़ किसानों को 20,500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक दशक में कृषि विभाग के बजट में 5 गुना वृद्धि हुई है और 25 करोड़ से अधिक सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को वितरित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, कृषि यंत्रीकरण और आधुनिक कृषि पद्धतियों को बल मिला है।
नवीन योजनाएं: धनधान्य कृषि योजना और किसान संपदा योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ‘पीएम धनधान्य कृषि योजना’ और ‘प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना’ जैसी योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इससे किसानों को बीज से बाजार तक की सुविधा व्यापक रूप से उपलब्ध हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए प्राकृतिक खेती और मिलेट्स जैसी पारंपरिक पद्धतियों को महत्व दिया है। गुजरात के हालोल में गुजरात नैचुरल फार्मिंग साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना इसका उदाहरण है।
गुजरात में अब तक 19,993 करोड़ रुपए की सहायता
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक गुजरात के किसानों को 19 किस्तों में कुल 19,993 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता प्राप्त हो चुकी है।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने राजकोट से किसानों को संबोधित किया, वहीं मुख्यमंत्री ने गांधीनगर में किसानों को विभिन्न कृषि हितधारकों की योजनाओं के लाभ प्रदान किए।
आई-किसान पोर्टल पर 11 लाख से अधिक आवेदन
कृषि विभाग की अपर मुख्य सचिव अंजू शर्मा ने बताया कि यह योजना वर्ष 2019 से शुरू हुई, जिसमें प्रत्येक पात्र किसान परिवार को 6,000 रुपए प्रति वर्ष की तीन किस्तों में सहायता मिलती है। राज्य सरकार ने बुवाई से बिक्री तक किसान को समर्थन देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनमें बजट का बड़ा हिस्सा आवंटित किया गया है। 11 लाख से अधिक किसानों ने आई-किसान पोर्टल पर आवेदन दर्ज कर चुके हैं।
इस बीच, आंध्र प्रदेश राज्य सरकार ने अपने स्तर पर एक अतिरिक्त पहल करते हुए किसानों को ₹5000 की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस सहायता को राज्य की ‘अन्नदाता सुखीभव’ योजना के अंतर्गत वितरित किया गया, जिससे राज्य के लगभग 47 लाख किसानों को कुल मिलाकर ₹7000 की राशि प्राप्त हुई।
क्या है ‘अन्नदाता सुखीभव’ योजना?
‘अन्नदाता सुखीभव’ योजना, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की सरकार द्वारा वर्ष 2024 में प्रारंभ की गई एक महत्वाकांक्षी कृषि सहायता योजना है। यह योजना राज्य के किसानों को प्रतिवर्ष ₹20,000 की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान करती है। यह सहायता केंद्र सरकार की योजनाओं के अतिरिक्त है।
यह योजना आंध्र प्रदेश के 2024 विधानसभा चुनावों में घोषित “सुपर सिक्स” वादों का हिस्सा है, जिसमें अन्य प्रमुख वादे निम्नलिखित हैं:
प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष तीन मुफ्त गैस सिलेंडर
स्कूली बच्चों के लिए ₹15,000 प्रति वर्ष की शैक्षणिक सहायता
महिलाओं को ₹1500 प्रति माह की वित्तीय सहायता
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के मुख्य बिंदु
विशेषता विवरण
योजना की शुरुआत फरवरी 2019
वार्षिक सहायता राशि ₹6000 (तीन किस्तों में, प्रत्येक ₹2000)
लाभार्थी सभी छोटे और सीमांत भूमि धारक किसान
भुगतान का माध्यम DBT (Direct Benefit Transfer)
पात्रता शर्तें आधार लिंक बैंक खाता, भूमि स्वामित्व, e-KYC पूर्ण होना अनिवार्य
किसानों को क्या करना चाहिए?
यदि आप एक किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित कार्य अवश्य करें:
✅ अपना e-KYC पूरा करें – यह PM-Kisan पोर्टल (pmkisan.gov.in) या मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा सकता है।
✅ बैंक खाता और आधार कार्ड को लिंक करें, जिससे राशि सीधे आपके खाते में पहुंचे।
✅ PM-Kisan पोर्टल पर ‘Beneficiary Status’ की जांच करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपको किस्त प्राप्त हुई है या नहीं।
यदि ₹7000 की राशि नहीं मिली तो क्या करें?
यदि आप आंध्र प्रदेश के किसान हैं और केवल ₹2000 ही प्राप्त हुए हैं या राशि प्राप्त नहीं हुई है, तो निम्न कारण हो सकते हैं:
आपने अन्नदाता सुखीभव योजना के लिए अभी तक पंजीकरण नहीं किया है।
आपका e-KYC या आधार-बैंक लिंकिंग प्रक्रिया अधूरी है।
पात्रता की शर्तों को पूर्ण नहीं किया गया है।
समाधान: राज्य सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट या नजदीकी पंचायत कार्यालय से संपर्क कर योजना में पंजीकरण करें और दस्तावेजों की पुष्टि कराएं।
प्रधानमंत्री किसान योजना की 20वीं किस्त और आंध्र प्रदेश सरकार की ‘अन्नदाता सुखीभव’ योजना ने किसानों को आर्थिक संबल प्रदान किया है। यह पहल न केवल उनकी आय को स्थायित्व देती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित करती है।