प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मेहसाणा जिले के डभोड़ा गांव से 5950 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करते हुए कहा कि आज दुनिया को भारत की शक्ति और सामर्थ्य का परिचय मिल रहा है। आज भारत के विकास की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और इसके मूल में प्रत्येक भारतीय का पुरुषार्थ निहित है।
उन्होंने कहा कि भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर दुनिया को अपनी शक्ति का परिचय दिया है, जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है। G20 की अध्यक्षता स्वीकार करने के बाद पूरे भारत में इसकी चर्चा हुई। इतना ही नहीं, वैश्विक प्रतिनिधियों ने भारत के वैभव और विरासत के साथ-साथ देश की क्षमता एवं सामर्थ्य का परिचय प्राप्त किया है।
उन्होंने कहा कि एक से बढ़कर एक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से भारत विकास-पथ पर और भी तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जो संकल्प लेती है, उसे अवश्य पूर्ण करती है। केंद्र और राज्य सरकार ने जन-जन के कल्याण के लिए ढांचागत सुविधाओं के निर्माण के लिए एक बड़ा अभियान चलाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उत्तर गुजरात के दौरे को जनता-जनार्दन के रूप में परिवारजनों का दर्शन और वतन की मिट्टी का ऋण अदा करने का अवसर बताते हुए कहा कि आज जिन विकास प्रकल्पों का शिलान्यास और लोकार्पण हो रहा है, वे इस क्षेत्र के विकास को एक नई ऊंचाई प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने उत्तर गुजरात के कायाकल्प के लिए अनेक विकास प्रकल्पों को साकार किया है। पहले उद्योग एवं रोजगार से वंचित क्षेत्र की पहचान वाला उत्तर गुजरात आज उद्योगों एवं रोजगार से गतिशील बन गया है। मातृ शक्ति के सहयोग से यहां के डेयरी क्षेत्र के विकास से आई समृद्धि ने देश को प्रेरणा दी है।
श्रेष्ठ विकास के मूल में मौजूद स्थिर सरकार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार से गुजरात ने विकास के नए आयाम हासिल किए हैं। अब देश में स्थिर और पूर्ण बहुमत वाली सरकार के कारण आज भारत का वैश्विक विकास हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का नेतृत्व करने वाले श्री गोविंद गुरु की पुण्य तिथि पर तथा 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के माध्यम से आने वाली पीढ़ी सिर ऊंचा कर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देगी और उनके जीवन-दर्शन से राष्ट्रभक्ति एवं एकता की प्रेरणा प्राप्त करेगी।
प्रधानमंत्री ने मां अंबा के चरणों में बैठकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने पर खुशी व्यक्त करते हुए अंबाजी यात्राधाम के विकास और राज्य भर में स्वच्छता अभियान के जरिए प्रेरक कार्य करने पर राज्य सरकार एवं नागरिकों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने गुजरात के श्रेष्ठ और तीव्र विकास के पिछले दो दशकों के पुरुषार्थ को रेखांकित करते हुए कहा कि आज जिन विकास कार्यों की नींव रखी गई है और जो विकास कार्य शुरू हुए हैं, वे उत्तर गुजरात के वैभव को नए शिखर पर पहुंचाएंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने इस क्षेत्र के जन-जन के विकास के लिए संकल्प लिया है और इस संकल्प की सिद्धि के लिए कनेक्टिविटी के निर्माण पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से रेलवे लाइन गुजरात के बंदरगाहों तक पहुंचेगी और माल परिवहन क्षेत्र में क्रांति आएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पेयजल, सिंचाई, कृषि, ग्राम विकास और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों पर जोर देकर उत्तर गुजरात में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए आयोजन किया है, जिसके कारण उत्तर गुजरात उद्योगों से गतिशील बन गया है। मां नर्मदा का पानी घर-घर और हर खेत तक पहुंचने से कृषि विकास को नई ताकत मिली है।
मोदी ने उत्तर गुजरात में गत 20-22 वर्षों में बड़े पैमाने पर बढ़े सिंचाई के दायरे का उल्लेख करते हुए कहा कि, “मुझे इस बात की खुशी है कि गुजरात के किसान ड्रिप इरीगेशन, माइक्रो इरीगेशन और विभिन्न नई तकनीक से खेती कर रहे हैं। यही नहीं, गुजरात के हर एक जिले ने ड्रिप इरीगेशन और माइक्रो इरीगेशन को अपना लिया है। आज बनासकांठा जिला माइक्रो इरीगेशन प्रणाली का एक बेहतरीन उदाहरण बन गया है”
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब उत्तर गुजरात का किसान मुश्किल परिस्थिति में जीवन यापन करता था और विभिन्न समस्याओं के बीच अपनी फसल काटता था। आज वह किसान उस परिस्थिति से बाहर निकलकर नकदी फसल की खेती करने लगा है। सौंफ, जीरा और इसबगोल आज दुनिया भर में गुजरात की पहचान बन गए हैं। कोरोना के बाद दुनिया में हमारी हल्दी और इसबगोल की चर्चा हुई थी। देश के 90 फीसदी इसबगोल का प्रसंस्करण गुजरात में हो रहा है। आज उत्तर गुजरात में सब्जी, आलू, आम, आंवला और नींबू जैसी अनेक फसलों की बुवाई हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर गुजरात का आलू आज पूरी दुनिया में मशहूर हो चुका है, गुजरात में एक्सपोर्ट क्वालिटी के आलू का उत्पादन हो रहा है। डीसा के आलू और ऑर्गेनिक आलू की मांग वैश्विक स्तर पर है। आलू के प्रसंस्करण संयंत्र भी आज बनासकांठा सहित उत्तर गुजरात में स्थापित हो रहे हैं, जिसका लाभ आज आलू की खेती करने वाले किसानों को हो रहा है। मेहसाणा में एग्रो फूड प्लांट बनाने के बाद बनासकांठा में भी मेगा फूड पार्क का निर्माण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि “उत्तर गुजरात में आज से कुछ वर्षों पूर्व माताओं और बहनों को एक घड़ा पानी के लिए मीलों की दूरी तय करनी पड़ती थी, जबकि आज नल से जल योजना के माध्यम से घर-घर नल से पानी आ रहा है। इससे मुझे अनेक माताओं और बहनों के आशीर्वाद मिले हैं और उनके आशीर्वाद से ही मैं आगे बढ़ रहा हूं।”
उन्होंने कहा कि, “हमने पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए जल क्रांति अभियान को आगे बढ़ाया है और बहनों के सहयोग से यह सुविधा विकसित की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह गुजरात के घरों में पानी पहुंचाया है, उसी तरह हिन्दुस्तान के घरों में भी पानी पहुंचाना है।”
मोदी ने कहा कि डेयरी सेक्टर में महिलाओं की बहुत बड़ी भागीदारी है और उनके परिश्रम से आज घर की आय तो बढ़ी ही है, साथ ही गुजरात में डेयरी उद्योग का विकास भी हुआ है। पशुपालन उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए अनेक पशु चिकित्सा अस्पताल बनाए गए हैं ताकि पशुओं की तबीयत अच्छी रहे और यह उद्योग विकास की दिशा में आगे बढ़े। पिछले दो दशकों में गुजरात में सरकारी क्षेत्र में 800 से अधिक नई ग्राम डेयरियां शुरू की गई हैं। आज बनास डेयरी, दूधसागर डेयरी और साबर डेयरी को देखने के लिए लोग विदेशों से आ रहे हैं।
पशु को किसानों के लिए बहुत बड़ा धन बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह कोविड के समय लोगों के स्वास्थ्य के लिए निःशुल्क टीकाकरण किया गया था, वैसे ही देश में पशुओं के स्वास्थ्य के लिए मुफ्त वैक्सीन देने की शुरुआत की गई है। उन्होंने 1500 करोड़ रुपए के खर्च से चल रहे पशु टीकाकरण के कार्य का उल्लेख करते हुए सभी पशुपालकों से अपने पशुओं का टीकाकरण करवाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम दूध के साथ-साथ किसानों की अन्य उपज प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आज सरकार गोबर धन पर कई बड़े काम कर रही है। बनास डेयरी जैसी संस्थाओं द्वारा बायो सीएनजी और बायो फ्यूल जैसे अभियान भी चलाए जा रहे हैं। खेती के वेस्ट (जैविक कचरे) और पशुओं के वेस्ट का उपयोग कर गोबर से बिजली बनाने की दिशा में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज गुजरात विकास की नई ऊँचाइयों को पार कर रहा है। कुछ वर्ष पहले यह मान्यता थी कि उत्तर गुजरात में कोई उद्योग नहीं आ सकता, परंतु आज उत्तर गुजरात के सभी क्षेत्रों में कैसा औद्योगिक विकास हो रहा है। आज उत्तर गुजरात ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज का हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और एक दशक के अल्पकाल में उत्तर गुजरात में इंजीनियरिंग, दवाई जैसे औद्योगिक विकास ने ऊँची छलांग लगाई है, जबकि बनासकांठा-साबरकांठा में सिरामिक उद्योग का भी विकास बहुत बड़े पैमाने पर हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में ग्रीन हाइड्रोजन के रूप में समग्र देश में विकास आगे बढ़ने वाला है, जिसमें उत्तर गुजरात की भूमिका बहुत बड़ी रहने वाली है। आज उत्तर गुजरात की पहचान सोलर एनर्जी में विश्व स्तर पर बनी है। मेहसाणा जिले का मोढेरा गांव सोलर ऊर्जा के विलेज के रूप में पहचान स्थापित कर चुका है। आज उत्तर गुजरात के गांव के लोग अपने घर की बिजली मुफ्त प्राप्तकर अतिरिक्त बिजली सरकार को बेचकर आय अर्जित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज उत्तर गुजरात में रेलवे कनेक्टिविटी के कई बड़े कार्य हुए हैं। पांच हजार करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लाभ गुजरात को मिला है। अहमदाबाद-मेहसाणा डेयरी क्रेडिट कॉरिडोर के रूप में बहुत बड़े कार्य का लोकार्पण आज किया गया है, जो बहुत ही क्रांतिकारी है और जिसके माध्यम से आज उत्तर गुजरात पीपावाव, जामनगर तथा पोरबंदर तक सीधे कनेक्टिविटी में आ गया है। इसका लाभ आगामी समय में किसानों, उद्योगों तथा पशुपालकों को होगा। उत्तर गुजरात में लॉजिस्टिक एवं स्टोरेज हब बनने की दिशा में बहुत बड़ा काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व-पश्चिम का 2500 किलोमीटर का काम पूरा हो गया है, जिसके कारण आज पैसेंजर तथा औद्योगिक माल वहन करने वाले वाहन बहुत ही तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच सकते हैं। उत्तर गुजरात का दूध भी इस कॉरिडोर के जरिये बहुत ही तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के कारण दूध का व्यर्थ होना भी बंद हो गया है तथा किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है।
गुजरात में टूरिज्म के लिए पूरी संभावनाएँ होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जितना महत्व काशी का है, उतना ही महत्व गुजरात के वडनगर का है। काशी के बाद दूसरा वडनगर है, जिसका कभी विनाश नहीं हुआ है। तारंगा-आबू रोड रेल लाइन उत्तर गुजरात से गुजरने वाली है, जिसके माध्यम से तारंगा, अंबाजी एवं धरोई जैसे टूरिज्म क्षेत्रों का विकास होगा और साथ ही साथ औद्योगिक क्षेत्र का भी विकास होगा तथा दिल्ली-मुंबई जैसे क्षेत्रों से लोगों के लिए जगतजननी मां अंबा के दर्शन के लिए अंबाजी आना आसान बन जाएगा। एक समय था कि कच्छ का कोई नाम लेने वाला नहीं था, परंतु आज कच्छ का रणोत्सव विश्व भर में विख्यात बन गया है और धोरडो रण देखने के लिए लोग विदेशों से आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब हम गुजरात तथा देश के उज्ज्वल भविष्य एवं जनकल्याण के लिए काम कर रहे हैं, तब मैं गुजरात की मिट्टी को नमन कर नई शक्ति प्राप्त कर रहा हूँ। गुजरात तथा देश का जो सपना है कि वर्ष 2047 में जब स्वतंत्रता प्राप्ति के 100 वर्ष पूरे हों, तब दुनिया के बड़े-बड़े देशों की पंक्ति में भारत की गणना हो। मेरी और आप सबकी इस इच्छा को पूर्ण करेंगे।”
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के भाषण की बडी बातें:
मेहसाणा जिले में खेरालू तहसील के डभोडा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में विभिन्न विकास परियोजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि उत्तर गुजरात के सपूत एवं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीपावली से पहले बड़ी भेंट इस क्षेत्र को दी है।
घर-घर नई चेतना जगाकर विकास की मशाल का तेज छोटे, वंचित लोगों तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। रेलवे, सड़क, पानी तथा ढांचागत सुविधाओं के जरिये पंच विकास का उत्सव आज मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अंबाजी यात्राधाम में दर्शनार्थी सरलता से आ सकें; इसके लिए जहाँ एक ओर तारंगा रेलवे लाइन का विकास हो रहा है, वहीं दूसरी ओर धरोई बांध का पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जा रहा है। उन्होंने जोड़ा कि बहुचराजी यात्राधाम को नई डेवलपमेंट ऑथोरिटी में शामिल करते हुए विकास की गति को और तेज बनाकर उत्तर गुजरात को उत्तम गुजरात बनाने की कटिबद्धता इस सरकार की है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज जल जीवन मिशन से गांव-गांव घर-आंगन में पीने का पानी मिल रहा है। आज सभी क्षेत्रों में विकास होने के कारण गुजरात ग्लोबल मैप पर चमका है, जिसमें कच्छ के सफेद रण के पर्यटन वैभव को निहारने के लिए दुनियाभर के लोग आ रहे हैं।
आज प्रगति पथ-किसान पथ से ग्लोबल विलेज का विकास किया जा रहा है। रेलवे के गेज कन्वर्जन से आर्थिक विकास को नई गति मिल रही है। देश के अमृतकाल में सर्वपोषक-सर्वसमावेशक नीति से अखंड भारत का विकास तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरदार पटेल ने देश की एकता और अखंडता की नींव डाली थी, तो देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सुराज्य और सुशासन को दिशा देने का कार्य किया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से 5950 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। इसमें मेहसाणा, अहमदाबाद, बनासकांठा, साबरकांठा, महीसागर, गांधीनगर एवं पाटण जिलों की परियोजनाओं का समावेश किया गया है। इन सभी जिलों के बीच कुल 16 परियोजनाएं हैं, जिनमें से 8 का लोकार्पण तथा 8 का शिलान्यास किया गया।
इन विकास कार्यों में रेलवे तथा गुजरात रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (GRIDE) की परियोजनाओं का कुल मूल्य 5130 करोड़ रुपए है। जल संसाधन विभाग के 270 करोड़ रुपए के कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया गया। जलापूर्ति विभाग के 210 करोड़ रुपए के चार कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। सड़क एवं भवन विभाग के 170 करोड़ रुपए तथा शहरी विकास विभाग के 170 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया।