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Ram Mandir : राम मंदिर है सबसे अलग,  निर्माण में नहीं हुआ स्टील का इस्तेमाल जाने विशेषताएँ

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 Ram Mandir : 22 जनवरी जी हाँ जिसका सबको बेसब्री से इंतजार है, राम मंदिर में मात्र 18 दिन बाद राम लला विराजमान होंगें। यह देश का सबसे अनोखा मंदिर है इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे तथ्य है जो इसे सभी मंदिरों से अलग और हटके बनाते है, यही नहीं इस मंदिर से लोगों की काफी आस्था जुडी हुई है सभी ने 500 वर्षों से इस समय का बेसब्री से इंतजार किया है. यह मंदिर नागर शैली में निर्मित किया गया है आइये जानते है इससे जुड़े कुछ तथ्य जो इस प्रकार है :

मंदिर में 5 मंडप का निर्माण : इस मंदिर की सबसे अनोखी चीज़ की बात करें तो वो है मंडप का निर्माण, इस मंदिर में 5 मंडप क्रमशः नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप.

चार कोनों पर स्थित है यह चार मंदिर : इस राम मंदिर (Ram Mandir) में चारों कोनों पर अलग-अलग मंदिर है क्रमशः  सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव यही नहीं इसके उत्तरी भुजा में माँ अन्नपूर्णा का मंदिर है और दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर है।

मंदिर में नहीं हुआ है लोहे और स्टील का प्रयोग : सबसे अनोखी बात यह है की इस मंदिर में लोहे या स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है, क्योंकि लोहे या स्टील को 100 या 150 वर्षों बाद मरम्मत की आवश्यकता पड़ती है, इस बात को ध्यान में रखते हुए इस मंदिर में बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है जो वक्त के साथ मंदिर को मजबूती प्रदान करेगा.

पवित्र स्थानों की मिटटी ऑफर जल का हुआ उपयोग: इस मंदिर (Ram Mandir)  के निर्माण में साधारण मिटटी या जल का उपयोग नहीं किया गया है बल्कि इसके निर्माण में 2578 पवित्र स्थानों व 150 पवित्र नदियों का इस्तेमाल किया गया है.

तीन मंजिला मंदिर :यह राम मंदिर (Ram Mandir) तीन मंजिला है, जिसकी हर मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं।

दीवारें है सबसे अलग: इस मंदिर के खम्भों पर देवी-देवताओं की खुबसूरत मूर्तियाँ सुशोभित हैं।


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