Saree Goes Global: साड़ी हमारी भारतीय संस्कृति की शान है। जब भी एक भारतीय महिला की कल्पना की जाती है तो साड़ी पहने सिंदूर लगाये लज्जा का गहना पहने मर्यादा के साथ एक स्त्री का प्रतिबिम्ब नज़र आता है. और इसी शाश्वत सुंदरता, विरासत और सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाने के लिए शनिवार को 500 से अधिक महिलाएं न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर एकत्रित हुई । इस ‘साड़ी गोज़ ग्लोबल’ कार्यक्रम में भारतीय महिलाओं के साथ-साथ बांग्लादेश और नेपाल, यूके, यूएस, यूएई और युगांडा सहित नौ अन्य देशों की महिलाओं ने भाग लिया।
British Women in Saree:
यह कार्यक्रम ‘British Women in Saree‘ द्वारा यूएमए संगठन के साथ सहयोग के द्वारा आयोजित किया गया था। ‘British Women in Saree‘ वैश्विक कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य भारत में हाथ की कला दर्शा कर खुबसुरत साड़ियों का निर्माण करने वाले कारीगरों का समर्थन करके साड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यूएमए का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है, शैक्षिक और सांस्कृतिक संसाधनों के माध्यम से वंचित लड़कियों, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाता है। इस कार्यक्रम में संगीत, नृत्य व ‘साड़ी वॉकथॉन’ के माध्यम से साड़ी की शाश्वत सुंदरता को प्रदर्शित किया गया।
टाइम्स स्क्वायर में आयोजित हुआ ‘Saree Goes Global’ कार्यक्रम:
इस कार्यक्रम में सहभागी हुई महिलाओं ने बढ़िया अलंकरण, कढ़ाई, शैली और खादी सहित कई तरह के कपड़ों की रंगीन साड़ियाँ पहनीं। महिलाओं ने अपने राष्ट्रीय झंडे लहराते हुए, एक साथ नृत्य करते हुए तस्वीरें लीं और गर्व से अपनी साड़ियों, संस्कृति और विरासत के बारे में कहानियाँ साझा की।
UMA की कहानी:
UMA की वैश्विक अध्यक्ष डॉ. रीता काकती-शाह और ब्रिटिश महिला अध्यक्ष डॉ. दीप्ति जैन ने दुनिया भर में महिलाओं की एकता और सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में साड़ी के महत्व पर प्रकाश डाला। पेशे से डॉ दीप्ति जैन ने साड़ियों के प्रति अपने जुनून और विश्व स्तर पर इस परिधान के बारे में जागरूकता पैदा करने की अपनी प्रतिबद्धता साझा की। पूर्व चिकित्सक और उद्यमी रीता काकती-शाह ने न केवल न्यूयॉर्क में बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी वंचित लड़कियों, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए UMA द्वारा किये गए कार्यों पर प्रकाश डाला।
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