Sushila Karki: नेपाल में सोशल मीडिया बेन होने के बाद ही माहोल गरमाया हुआ है ऐसे में के पी शर्मा ओली सरकार के गिरने के बाद नेपाल में राजनीतिक अनिश्चितता को समाप्त करते हुए, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने शुक्रवार को पूर्व सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुषिला कर्की को अंतरिम प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया, जिससे वह देश की पहली प्रधानमंत्री महिला बन गईं।
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उनकी नियुक्ति की घोषणा राष्ट्रपति के प्रवक्ता किरण पोखरेल द्वारा की गई। यही नहीं इसके बाद की नेपाल संसद भी भंग कर दी गई है।
प्रधानमंत्री पद सँभालने के बाद क्या होगी Sushila Karki की पहली जिम्मेदारी:

कर्की ने शुक्रवार रात को शपथ ली है और उनका पहला कार्य यह होगा कि वह सोशल मीडिया बेन के बाद हुए दंगे फसादों को रोकें और उनसे हुए नुकसान को बहल करें। यही नहीं इस हिंसा में 19 लोग मारे गए है।
2016 में, सुशीला कर्की (Sushila Karki) ने नेपाल सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत होकर पद प्राप्त करने वाली पहली महिला न्यायधीश बन गईं। उनकी नियुक्ति संविधान परिषद के एक सुझाव के बाद हुई, जिसकी अध्यक्षता उस समय के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली कर रहे थे। अब, नौ साल बाद, श्रीमती कर्की नेपाल के अंतरिम प्रमुख के रूप में मोर्चा संभालने के लिए तैयार हैं।
जानिये किस प्रकार हुई Sushila Karki की नेपाल राजनीति में एंट्री:

कर्की नेपाल की राजनीति से बिलकुल भी अनजान नहीं हैं। 1952 में बिराटनगर में जन्मी, उन्होंने राजनीतिक विज्ञान और कानून में डिग्री प्राप्त की और फिर त्रिभुवन विश्वविद्यालय में व्याख्याता के रूप में शामिल हुईं।
वह 1989 में सुप्रीम कोर्ट में वकील बन गईं और न्यायपालिका में स्थिरता से आगे बढ़ीं। 2016 में उन्हें नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया, जो देश की सर्वोच्च अदालत में एक ऐतिहासिक क्षण था। यही नहीं उन्होंने नेपाल की राजनीति में काफी सराहनीय कार्य किया है.