Vastu Tips: “वास्तु” शब्द का शाब्दिक अर्थ है “घर का स्थान या नींव”। वास्तु (Vastu Tips) आपके घर की एनर्जी को बैलेंस करके रखता है। ऐसे में अगर आप चाहे एक नए घर में नई शुरुआत कर रहे हों या अपने स्थान को नया रूप देना चाहते हों, खुशहाल और अधिक संतुलित वातावरण के लिए वास्तु का संतुलन होना आवश्यक है आइये जानते है वास्तु से जुड़े कुछ ख़ास नियमों के बारे में विस्तार से :
घर के प्रवेश द्वार के लिए वास्तु सुझाव(Vastu Tips):

अगर बात करें घर के प्रवेश द्वार की तो यह वास्तु (Vastu Tips) के अनुसार एनर्जी का मुख्य आगमन केंद्र माना जाता है:
1. आदर्श रूप से, यदि आपका घर पश्चिममुखी है तो उसका प्रवेश द्वार उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए, या दक्षिणमुखी घर के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा में।
2. प्रवेश द्वार के लिए कभी भी काले रंग का प्रयोग न करें क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक विचारों को बढ़ाता है। इसके बजाय, लाइट और मिट्टी से जुड़े प्रभाव के लिए अंबर या लकड़ी के रंगों का प्रयोग करें। यही नहीं सफेद प्रवेश द्वार भी अच्छा रहेगा, जो शांति का प्रतीक है।
3. प्रवेश द्वार के पास जूते रखने की रैक, पुराना फ़र्नीचर और कूड़ेदान रखने से बचें।
4. घर के मुख्य द्वार पर पर्याप्त धूप आनी चाहिए(Vastu Tips)। अगर यह संभव न हो, तो प्रवेश द्वार पर रौशनी लाने के लिए और सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का अनुकरण करने के लिए पीली रोशनी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
Charlie Kirk Fatally Shot at Utah Valley University
5. नेम प्लेट (Vastu Tips) लगाने से आपको वास्तु शास्त्र में कुछ अंक मिलते हैं। उत्तर या पश्चिम दिशा में स्थित द्वार के लिए धातु की नेम प्लेट लगाने की सलाह दी जाती है। दक्षिण या पूर्व दिशा में स्थित प्रवेश द्वार के लिए, उत्कीर्ण लकड़ी की नेम प्लेट उत्तम रहती है।
6. घर के मुख्य द्वार (Vastu Tips) पर जितना संभव हो हर सुबह और शाम दिया या अगरबत्ती अथवा धुप जरुर जलाये इससे जीवन में परेशानियां समाप्त होती है।