प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ रहा है। सोशल मीडिया तिरंगे के रंग में रंगा जा रहा है, रैलियां हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर तिरंगे के नाम पर राजनीति करने से विपक्ष फूले नहीं समा रहा है.
मेरी जान है तिरंगा, हर दिल में है तिरंगा, फिर तिरंगे पर सियासत क्यों?
सांसदों ने दिल्ली के लाल किले पर पदयात्रा का आयोजन किया. मानसून सत्र के बीच संस्कृति मंत्रालय ने सांसदों के लिए ‘तिरंगा बाइक रैली’ का आयोजन किया. उपराष्ट्रपति वेकन्या नायडू ने बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई… ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को लोकप्रिय बनाने के लिए सांसदों ने सुबह-सुबह रैली निकाली और युवा विंग के नेता बाइक रैली में शामिल हुए।
मजेदार बात यह है कि विपक्ष ने इस तिरंगा यात्रा में हिस्सा नहीं लिया और उल्टा बीजेपी को धमकाने की कोशिश की. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ हो गए हैं. शायरा के बारे में ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमारा तिरंगा देश की शान है, हमारा तिरंगा हर हिंदुस्तानी के दिल में बसता है.
प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, ”विजय विश्व तिरंगा प्यारा, हमारे लिए झंडा ऊंचा रखना.” अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सब जानते हैं कि कौन देशभक्त है, सब जानते हैं कि आजादी के समय निकलने वाले अखबार के खिलाफ क्या साजिश की जा रही है.
बीजेपी ने भी विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि तिरंगा सिर्फ बीजेपी का नहीं है, ये पूरे देश का है, अगर विपक्ष में देशभक्ति होती तो वो तिरंगा यात्रा में शामिल होते.
संस्कृति मंत्रालय ने सभी सांसदों को तिरंगा यात्रा के लिए आमंत्रित किया था लेकिन विपक्षी सांसद इसमें शामिल नहीं हुए और तिरंगे पर राजनीति शुरू कर दी.